रायपुर

CG Raipur: लोक आयोग में भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा फाइलें जलाने की साजिश? जांच का विषय है

छत्तीसगढ़ Raipur लोक आयोग में भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा फाइलें जलाने की साजिश? जांच का विषय

Mohammad Nazir Hussain 22 June 2024 

@ अग्निकांड में किसकी संलिप्तता है, उजागर हो…

@ पत्रकारों को कवरेज से रोकना भी संदेह के दायरे में सरकार को चाहिए इसकी सीबीआई जांच कराए,,,,,,

@ छत्तीसगढ़ लोक आयोग के उपसचिव एडीजे केपी भदौरिया ने मांगी माफी तीनों कर्मचारियों को नोटिस जारी

लोकायुक्त ने जताया खेद अग्निकांड के बाद सफाई के नाम पर भ्रष्ट आरोपी अधिकारियो की फाइलों को भी गायब किया जा सकता है

Raipur khabar 36 Garh news:-  पिछले दिनों लोक आयोग में हुए अग्निकांड पर सब सवाल उठा रहे हैं। जिस प्रकार से कवरेज के लिए गए पत्रकारों से मारपीट की घटना हुई उससे साफ जाहिर होता है कि जानबूझकर अग्निकांड को अंजाम दिया गया है। देखा गया है कभी भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा कहीं भी घटना स्थल पर पत्रकारों से बदसलूकी नहीं की जाती बल्कि उन्हें कवरेज में मदद भी की जाती है इस पर लोगों का कहना है कि यह अग्निकांड सुनियोजित है सूत्र बताते हैं की जानबूझ कर अग्निकांड किया गया ताकि भ्रष्टाचार की फाइलें नष्ट किया जा सके और इसे शार्ट सर्किट का रूप दे दिया जा रहा है। शासन को चाहिए इसका उच्च स्तरीय जाँच करवाई ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। जिन फाइलों को जलना बताया जायेगा क्या इन फाइलों को कम्पूटराइज्ड किया गया था यदि नहीं तो इतना स्टाफ होते हुए भी क्यों नहीं किया गया जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब होना चाहिए। गौरतलब है कि कल राजधानी के नगर निगम मुख्यालय के पास स्थित छत्तीसगढ़ लोक आयोग के दफ्तर में आज आग लग गई थी जिसमे भ्रस्टाचार से सम्बंधित फाइलें नष्ट होने की जानकारी है। chhattisgarh big news Also Read – पुरंदर मिश्रा भी पहुंचे थे राजभवन, VIDEO Advertisement 00:00 / 00:00 Copy video url Play / Pause Mute / Unmute Language Share ADVERTISEMENT Chhattisgarh Public Commission सूत्र तो यह भी बोल रहे हैं की अब जिन फाइलों के बारे में जानकारी मांगी जाएगी कहीं यह कह दिया जायेगा की अग्निकांड में सब जल गया इस तरह से भ्रस्टचारियों को साफ साफ बचाने का रास्ता निकाल लिया जायेगा। इस दौरान मौके पर कवरेज करने पहुंचे मीडिया कर्मियों के साथ लोक आयोग के अधिकारी-कर्मचारियों ने बदसलूकी की और मारपीट की। हालांकि बाद में आयुक्त और अन्य अधिकारी कर्मचारियों ने मिडिया कर्मियों से माफ़ी मांग ली थी। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के कार्यालय में कई भ्रष्ट अधिकारियों के काले-चि_े थे जिसे अग्निकांड कर जला दिया गया है। राज्य सरकार तत्काल इस अग्निकांड की उच्च स्तरीय पुलिस समिति का गठन करके मामलें की साफ-सुथरी और बारीकी से जांच कराए। अथवा पूरे अग्निकांड की जांच सीबीआई के हाथों में देनी चाहिए जिससे ये पता चल सके कि किस भ्रष्ट अधिकारियों की फाइलें आयोग के पास शिकायत के पास उपलब्ध थी पक्के सबूतों के साथ साजिशन इस अग्निकांड को इस भ्रष्ट अधिकारीयों द्वारा किया गया है ऐसा प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है मगर इस मामलें में जब सीबीआई की जांच होगी तो पूरे अग्निकांड की सच्चाई सामने आएगी जिसमें हज़ारों करोड़ों के घोटाले के जांच लोक आयोग में गंभीरता से की जा रही थी। जिसमें 4 से 5 राज्य के अधिकारी जो घोटाले के मुख्य आरोपी है उन्हीं सभी ने मिलकर इस अग्निकांड को अंजाम दिया है। ऐसा चर्चा का विषय सम्बंधित विभाग में थी और कई अधिकारी चीख-चीख कर कहते रहे उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। अग्निकांड के बहाने भ्रष्ट अधिकारी लोग अपनी फाइलें गायब भी करवा सकते है ऐसी चर्चा का विषय है आगजनी की घटना में कौन लोग शामिल हैं जांच हो अग्निकांड की जाँच किसी उच्च स्तरीय कमिटी से करवाया जाये जिससे पता तो चले की कौन कौन लोग इस अग्निकांड में शामिल थे। उनकी मिली भगत और संलिप्तता की जानकारी हर हाल में करनी चाहिए। इस सम्बन्ध में आज भी लोक आयोग से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका सही जानकारी और अग्निकांड की सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी सच क्या है? और इसके पीछे किसका हाथ है इसका जांच होना अति आवश्यक है। भ्रष्ट अधिकारियों के अग्निकांड की साजिश से छग शासन और लोक आयोग की साख में बट्टा (नाम बदनाम करने की) नाकाम कोशिश भी माना जा रहा है। भीषण अग्निकांड में कई बड़े-बड़े मामलों के घोटालों के और छुटभैया कांग्रेसी नेताओं के साथ सरकारी कर्मचारियों के काले कारनामों की फाइलें थी जो इस आग में जलकर राख हो गई है। इस मामलें को छत्तीसगढ़ लोक आयोग को बड़ी ही गंभीरता से और सघन जांच करानी चाहिए। लोक आयोग के उपसचिव ने मांगी माफी, तीन कर्मचारियों को भेजा नोटिस मीडिया कर्मियों ने घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए तीखा विरोध दर्ज कराया था, जिसके बाद लोकायुक्त टीपी शर्मा ने शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। शुक्रवार को रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर, महासचिव डॉ. वैभव शिव पांडेय, उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला समेत अन्य पत्रकार साथियों की मौजूदगी में लोकायुक्त टीपी शर्मा ने सार्वजनिक रूप से घटना पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने जानकारी दी कि दोषियों को कारण बताओ नोटिस देकर उनके खिलाफ विभागीय जांच और निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच घटना के दौरान पत्रकारों से दुव्र्यवहार के लिए एडीजे केपीएस भदौरिया और तीन अन्य दोषियों ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देने का भरोसा दिलाया। रायपुर प्रेस क्लब ने यह अपेक्षा भी की है कि प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में जिम्मेदार अफसर या कर्मचारी संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विपरीत आचरण न करें। खासतौर पर पत्रकार साथियों पर हिंसा की घटनाएं किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी

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