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सांदीपनी एकेडमी प्रशिक्षार्थियों ने मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम में शिक्षा में ‘संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास के महत्व को जाना

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सांदीपनी एकेडमी प्रशिक्षार्थियों ने मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम में शिक्षा में ‘संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास के महत्व को जाना

सीपत मोहम्मद नज़ीर हुसैन सांदीपनि एकेडमी शिक्षा विभाग में नई शिक्षा नीति के तहत प्रशिक्षार्थियों को मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम में शिक्षा के अंतर्गत ‘संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास अर्थात् Communication Skill & Personality Development के विषय से जोड़ना है। मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम रोजगार क्षमता एवं आत्म विश्वास बढ़ाने में कौशल प्रदान करता है। यह छात्रों को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल से पूर्ण करने के लिए डिजाइन तैयार किए गए पाठ्यक्रम का हिस्सा है। बी.एड. एवं डी.एल.एड. प्रशिक्षार्थियों के लिए भावी जीवन में पाठ्यक्रम के बोझ से संचार मानवीय अनुभव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक दूसरे के साथ संवाद करके समझ कर नये कौशल विकसित करने में सक्षम बनाते है। सांदीपनी एकेडमी शिक्षा विभाग में मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा में “संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास पर प्रशिक्षण दिया गया। जिसके प्रमुख वक्ता श्री प्रकाश मिश्रा, सहायक प्राध्यापक, डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, कोटा बिलासपुर के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास के प्रमुख बिन्दु एवं उनके विशेष महत्व को भली भाँति समझाया गया। व्याव्हारिक एवं प्रायोगिक के द्वारा संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास को जीवन से जोड़ने की कला समझाए एवं संबंधित विषयो पर चर्चा की गई। व्यक्तित्व विकास में संचार कौशल को बेहतर बनाते हैं एवं अपने संबंधो को भी बेहतर बना सकते हैं। सिद्धांत द्वारा वर्णित पांच व्यापक व्यक्तित्व लक्षण बहिमुर्खता, सहमति, खुलापन, कर्तत्व्यनिष्ठा एवं विक्षिप्तता है। व्यक्तित्व सिद्धांतकार एवं शोधकर्ता मानवीय गुणों की विविधता को परिभाषित करने और समझने का प्रयास करते है। लोगो के सोचने, समझने, सीखने एवं भाव व्यक्त करने के कई तरीके से भली भाँति समझते हैं। सांदीपनी महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक श्रीमती सुचित्रा डे के द्वारा मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम में मूल उद्देश्य संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास के विशिष्ट संदर्भ में विकास करना है। जिसमें बी.एड. एवं डी.एल.एड. के सभी प्रशिक्षार्थी सम्मिलित हुए एवं इस कार्यक्रम को संपन्न कराने में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रीता सिंह, IQAC समन्वयक श्री राम खिलावन साहू, सभी सहायक प्राध्यापकों एवं सभी प्रशिक्षार्थियों की उपस्थिति उत्साहपूर्ण एवं सहयोग सराहनीय रहा।

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