बिलासपुर

नवनिर्वाचित जनपद सदस्य देवेश शर्मा पर शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण की नामांकन पत्र मे छुपाने का है आरोप

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नवनिर्वाचित जनपद सदस्य देवेश शर्मा पर शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण की नामांकन पत्र मे छुपाने का है आरोप

बिलासपुर न्यूज़ / आपको बता दे की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे  निर्वाचन रिटिंगनिंग ऑफिसर से फॉर्म भरते समय छुपाने का लगाया आरोप
करवाई की मांग करने पर कलेक्टर बिलासपुर अवनीश शरण ने दी उचित कार्यवाही करने का आश्वासन

  आपको बता दे कि ग्राम पंचायत लुतरा मे सार्वजनिक तालाब के  आम रास्ते को बंद शासकीय भूमि पर  अवैध अतिक्रमण कर के निजी स्कूल संचालित करते आ रहे हैं जिसकी जानकारी छुपाते हुए चुनाव रिटर्निंग ऑफिसर से जनपद पंचायत सदस्य के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया गया है अब देखते यह है कि जिला प्रशासन पंचायत राज अधिनियम के तहत निर्वाचन रद्द करने की क्या कार्रवाई करते हैं
त्रिस्तरीय चुनाव के मैदान में आने वाले लोगों के लिए पंचायत की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले लोग भी पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। निर्वाचन आयोग ने ऐसे लोगों को पंचायती राज संस्थाओं को चुनाव लडऩे पर रोक लगा दी है। ऐसे में पंचायती भूमि पर कब्जा करने वाले लोगों द्वारा गांव का पंच, सरपंच बनने का सपना मात्र सपना ही बनकर रह गया है। अब ये लोग इस दुविधा में है कि पंचायती जमीन छोड़े या चुनाव से हटे। वही लंबें समय से स्कूल संचालित करते आने का आरोप पराजित प्रत्याशियों सहित ग्रामीणों ने बिलासपुर कलेक्टर सहित जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष लगाया है वहीं अपनी स्तरीय पंचायत निर्वाचन अधिनियम के तहत सरकारी देनदारी व सरकारी जमीन पर कब्जा धारक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इसके लिए उन्हें नामांकन दाखिल करने के दौरान शपथ पत्र देना होगा। शपथ पत्र के गलत पाए जाने पर जीत के बाद भी चुनाव रद्द हो सकता है। पंचायतों की किसी भी तरह की देनदारी अदा न करने पर भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कोई शिक्षा और न ही बच्चों की संख्या की शर्त है। नामांकन की छटनी के दौरान इन सभी तथ्यों को देखा जाएगा। प्रदेश में पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।
पंचायत चुनाव में इस बार निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार वे व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकेंगे जिन्होंने गांव में स्थित पंचायती जमीन पर कब्जा किया हुआ है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव वहीं व्यक्ति लड़ सकता है जो न तो पंचायती जमीन पर कब्जाधारी हो और न ही बिजली निगम, बैंक सहित अन्य विभागों का डिफाल्टर हो। यदि ऐसे लोगों ने चुनाव में अपना नामांकन दाखिल किया तो वह रद्द कर दिया जाएगा
साथ ही आपको बता दे कि जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 3 में आठ अभ्यर्थी मैदान में उतरे थे जहां देवेश शर्मा मतदाताओं के मतों से आगे चल रहे थे ऐसे उम्मीदवार का कहना था वहीं देवेश शर्मा के द्वारा की गई अतिक्रमण व चुनाव में धांधली के आरोप लगाते हुए अन्य अभ्यर्थियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर जिला बिलासपुर को ज्ञापन देकर अवगत कराया है नामांकन फार्म में देवेश शर्मा द्वारा किए गए अतिक्रमण को छुपाया गया है निर्वाचन आयोग को भ्रमित जानकारी देकर देवेश शर्मा ने चुनाव लड़ी है जिससे जिला कलेक्टर जिला मुख्य निर्वाचन अधिकारी से तत्काल निर्वाचन निरस्त करने की मांग की गई है इस मौके पर शिकायत करने पहुंचे अभ्यार्थी लक्ष्मी प्रसाद साहू मोहम्मद नज़ीर,एजाज खान प्रमोद जायसवाल सहित अन्य अभ्यर्थी भी लंबी शिकायत की लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारी व जिला कलेक्टर को सोपी गई [उद्धरण 0 , उद्धृत 280 ]
[ संपूर्ण अधिनियम ]
भारत संघ – धारा
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 36
36. नामांकन की संवीक्षा.-
(1)
धारा 30 के अधीन नामांकनों की जांच के लिए नियत तारीख को अभ्यर्थी, उनके निर्वाचन अभिकर्ता, प्रत्येक अभ्यर्थी का एक प्रस्तावक तथा प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा लिखित रूप में प्राधिकृत एक अन्य व्यक्ति, किन्तु कोई अन्य व्यक्ति नहीं, ऐसे समय और स्थान पर उपस्थित हो सकेंगे, जिसे रिटर्निंग अधिकारी नियत करे; और रिटर्निंग अधिकारी उन्हें सभी अभ्यर्थियों के नामांकन पत्रों की जांच करने के लिए सभी उचित सुविधाएं प्रदान करेगा, जो धारा 33 में अधिकथित समय के भीतर और रीति से प्रस्तुत किए गए हैं।
(2)
इसके बाद रिटर्निंग अधिकारी नामांकन पत्रों की जांच करेगा और किसी भी नामांकन पर की जाने वाली सभी आपत्तियों पर निर्णय करेगा और ऐसी आपत्ति पर या स्वप्रेरणा से, ऐसी संक्षिप्त जांच के बाद, यदि कोई हो, जैसा वह आवश्यक समझे, निम्नलिखित में से किसी भी आधार पर किसी भी नामांकन को अस्वीकार कर सकता है:—
(ए)
नामांकनों की जांच के लिए नियत तारीख को अभ्यर्थी निम्नलिखित प्रावधानों के अंतर्गत सीट भरने के लिए चुने जाने के लिए या तो योग्य नहीं है या अयोग्य है, अर्थात: – इस अधिनियम के भाग 2 के अनुच्छेद 84, 102, 173 और 191, तथा संघ राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम, 1963 (1963 का 20) की धारा 4 और 14; या
(बी)
धारा 33 या धारा 34 के किसी भी प्रावधान का अनुपालन करने में विफलता हुई है; या
(सी)
नामांकन पत्र पर उम्मीदवार या प्रस्तावक के हस्ताक्षर वास्तविक नहीं हैं।
(3)
उपधारा (2) के खंड (ख) या खंड (ग) में अंतर्विष्ट कोई बात किसी अभ्यर्थी के नामांकन को किसी नामांकन पत्र के संबंध में किसी अनियमितता के आधार पर अस्वीकार करने के लिए प्राधिकृत नहीं समझी जाएगी, यदि अभ्यर्थी को किसी अन्य नामांकन पत्र के माध्यम से सम्यक् रूप से नामित किया गया है जिसके संबंध में कोई अनियमितता नहीं की गई है।
(4)
रिटर्निंग अधिकारी किसी नामांकन पत्र को किसी ऐसे दोष के आधार पर अस्वीकार नहीं करेगा जो पर्याप्त प्रकृति का न हो।
(5)
रिटर्निंग अधिकारी धारा 30 के खंड (ख) के अधीन इस निमित्त नियत तारीख को जांच करेगा और कार्यवाही को स्थगित नहीं करेगा, सिवाय इसके कि ऐसी कार्यवाही दंगे या खुली हिंसा या उसके नियंत्रण से परे कारणों से बाधित या बाधित हो:
परन्तु यदि रिटर्निंग अधिकारी द्वारा या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कोई आपत्ति उठाई जाती है तो संबंधित अभ्यर्थी को उसका खंडन करने के लिए अगले दिन से अधिक नहीं, बल्कि जांच के लिए निर्धारित तिथि के पश्चात् एक दिन तक का समय दिया जा सकेगा और रिटर्निंग अधिकारी अपना निर्णय उस तिथि को अभिलिखित करेगा, जिसके लिए कार्यवाही स्थगित की गई है।
(6)
रिटर्निंग अधिकारी प्रत्येक नामांकन पत्र पर उसे स्वीकार या अस्वीकार करने का अपना निर्णय अंकित करेगा और यदि नामांकन पत्र अस्वीकार कर दिया जाता है तो ऐसी अस्वीकृति के कारणों का संक्षिप्त विवरण लिखित रूप में दर्ज करेगा।
(7)
इस धारा के प्रयोजनों के लिए, किसी निर्वाचन क्षेत्र की तत्समय प्रवृत्त निर्वाचक नामावली में किसी प्रविष्टि की प्रमाणित प्रति इस तथ्य का निर्णायक साक्ष्य होगी कि उस प्रविष्टि में निर्दिष्ट व्यक्ति उस निर्वाचन क्षेत्र के लिए निर्वाचक है, जब तक कि यह साबित न कर दिया जाए कि वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 (1950 का 43) की धारा 16 में उल्लिखित निरर्हता के अधीन है।
(8)
सभी नामांकन पत्रों की जांच हो जाने तथा उन्हें स्वीकार या अस्वीकार करने का निर्णय दर्ज हो जाने के तुरंत बाद, रिटर्निंग अधिकारी वैध रूप से नामांकित अभ्यर्थियों की सूची तैयार करेगा, अर्थात् ऐसे अभ्यर्थियों की सूची तैयार करेगा जिनके नामांकन वैध पाए गए हैं, तथा उसे अपने नोटिस बोर्ड पर चिपकाएगा।

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