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सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 के तहत एसईसीएल मुख्यालय, बिलासपुर में “सुहाना सफ़र – An Adventure into Awareness” प्रेरक उद्बोधन आयोजन संपन्न ? Khabar 36 Garh is news bilaspur


जागरूकता ही शक्ति है, जो विचारों को स्वच्छ और जीवन को सुहाना बनाती है:  ब्रह्माकुमारी कविता दीदी

         Mohammad Nazir Hossain chief editor bilaspur
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ बिलासपुर: साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) मुख्यालय, बिलासपुर में सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 के अंतर्गत ब्रहमाकुमारी कविता दीदी, मुंबई दवारा प्रस्तुत “सुहाना सफ़र – An Adventure into Awareness” विषय पर प्रेरक उद्बोधन सत्र का आयोजन अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री हरीश दुहन, (मानव संसाधन) श्री बिरंची दास, मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री हिमांशु जैन, विभीन्न विभागाध्यक्षों, अधकारियों-कर्मचारियों, श्रमसंघ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में एसईसीएल मुख्यालय स्थित आडिटोरियम में दिनांक 17.11.2025 को  किया गया।
यह सत्र संगठन में नैतिक कार्य-संस्कृति, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और आंतरिक सतर्कता को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मुंबई से पधारी ब्रह्माकुमारी कविता दीदी, राजयोग मेडिटेशन शिक्षिका एवं आध्यात्मिक संचालिका उपस्थित रहीं, जिन्होंने पीपीटी के माध्यम से जीवन प्रबंधन, आत्म-जागरूकता तथा मानसिक संतुलन से जुड़े महत्वपूर्ण सूत्रों पर प्रकाश डाला।


इस अवसर पर संबोधित करते हुए अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री हरीश दुहन ने कहा कि सतर्कता सप्ताह केवल सप्ताह या पखवाड़े भर का आयोजन नहीं है वरन यह  वर्ष भर प्रत्येक कर्मी को अपने कार्य-संस्कृति, अपने कार्य स्थल या हर-हमेशा अपने जीवन में अपनाए रखना चाहिए । उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति अपने कार्य दौरान आत्म-जागरूक और संतुलित होकर कार्य करता  है तब उसके निर्णय निष्पक्ष, सटीक और संगठन के लिए मूल्यवान होते  हैं।
ब्रहमाकुमारी कविता दीदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “सतर्कता का सफ़र बाहरी नहीं; अंदर की जागृति से शुरू होता है। जब मन शांत होता है, तभी निर्णय पारदर्शी और सही दिशा में होते हैं। जवाबदेही कोई बोझ नहीं, बल्कि स्वयं को बेहतर बनाने का अवसर है। राजयोग मन को स्वच्छ, विचारों को सजग और जीवन को सुहाना बनाता है। जागरूकता वह शक्ति है, जो हर स्थिति में हमें संतुलित बनाए रखती है।” उन्होंने आगे कहा कि किसी भी संस्थान की प्रगति केवल नीतियों से नहीं, बल्कि वहाँ कार्यरत प्रत्येक व्यक्ति की आंतरिक सत्यनिष्ठा और जागरूकता से निर्धारित होती है। राजयोग ध्यान के नियमित अभ्यास को उन्होंने मानसिक ऊर्जा, कार्य-निष्ठा और सकारात्मक व्यवहार का आधार बताया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसके पश्चात सरदार वल्लभभाई पटेल के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा कोल इंडिया का कॉर्पोरेट गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम मे स्वागत उद्बोधन  श्री मनीष श्रीवास्तव, उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन/जनसंपर्क/राजभाषा) ने प्रस्तुत किया  एवं अंत में धन्यवाद  ज्ञापित  नागेश्वर राव, महाप्रबंधक (सतर्कता/ईएंड एम) द्वारा प्रस्तुत किया गया।

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