बिलासपुर

खम्हरियां क्षेत्र में छत्तीसगढ़ी त्यौहार छेर छेरा की रही धूम

मोहम्मद नज़ीर हुसैन संपादक



सीपत न्यूज
लगातार तीन वर्षों से कोरोना का ग्रहण लगने के बाद कोई भी त्यौहार ठीक से नहीं मनाया गया था किंतु अब 3 वर्ष बाद छेरछेरा त्यौहार बड़ी धूमधाम से बिटकुला, खम्हरिया,लुतरा,ऊनी कुली, कुकदा सहित आस-पास के गांवों में मनाया गया छेरछेरा त्यौहार छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति को परिभाषित करने वाला पर्व है यह त्यौहार आपसी भाईचारा और स्नेह प्रेम के भाव का प्रतीक है शिक्षक मनोज पाटनवार व क्षेत्र के वारिष्ट पत्रकार मोहम्मद नजीर हुसैन बताते हैं कि जब किसान अपने फसल का खेतों से कटाई कर मिसाई कराने के बाद अनाज को घर पर ले आते हैं तब यह त्यौहार पूस माह के पूर्णिमा तिथि को अन्न दान के रूप में मनाया जाता है इस दिन अन्न दान करना महा पुण्य का काम माना जाता है इसलिए अमीर गरीब सभी लोग अपनी क्षमता के अनुसार अन्न दान करते हैं। ठिठुरते शीतलहर, कपकपी ठंड के बावजूद सुबह-सुबह से गांव कस्बों में बच्चे हर घर पर दस्तक देकर छेरछेरा की आवाज लगाकर घर-घर अन्न दान मांगते दिखे और सभी के चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान देखने को मिला, महिलाएं सुआ नृत्य करके अन्न मांगते नजर आए वही पुरुषों में बड़े बुजुर्ग लोग डंडा,सैला नृत्य करते हुए छेरछेरा पर्व का आनंद लिया तथा

प्रत्येक घर अपनी क्षमता अनुसार खाने पीने की वस्तुएं अपने परिवार के साथ एवं समूह में भी कई लोग पार्टी करते नजर आए इस तरह से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर वर्ग के लोग इस छेरछेरा पर्व में एक गर्वीली मुस्कान लिए एक दूसरे को बधाई देते हुए और हर्षोल्लास के साथ आस-पास के गांव में अच्छे से मनाया गया।

छत्तीसगढ़ राज्य की लोकप्रिय तिहार छेर छेरा के गाढ़ा गाढ़ा बधाई शुभकामनाएं

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