बिलासपुर

शा. उ. मा. विद्यालय पंधी में 1996/97 के छात्र-छात्राओं का स्नेह मिलन एवं शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया

ByMohammad Nazir Husain

कार्यक्रम का संचालन चित्रकांत श्रीवास द्वारा किया एवं आभार सुरेश टाइगर सर द्वारा किया गया

छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों का साल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किए

बिलासपुर:- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पंधी के 1996/97 के छात्र-छात्राओं का स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों का साल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किए प्रारंभ में मां सरस्वती के वंदना करते हुए तैलचित्र पर पूजा अर्चना करके कार्यक्रम प्रारंभ किए तथा ब्रह्मलीन हो गए शिक्षकों एवं शाला परिवार के सदस्य को मौन व्रत रखकर श्रद्धांजलि दिए सभी छात्र छात्राओं ने अपने स्कूल में बिताए हुए दिन को साझा किए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री आरबी दीवान जी, श्री राकेश जायसवाल जी, श्रीमती रागिनी पांडे जी, श्री आरके भेदी जी, श्री अरविंद चंदेल जी, श्री आरके खोटे जी, श्री जेके बावरे जी, श्री मनोज गुरुदीवान जी, सुनीता बाजपेई जी आदि शिक्षकों ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अध्ययन – अध्यापन के लंबे समय के बाद अपने बैच के सभी छात्र व शिक्षको का एक दिन साथ बैठना, और गुजरे समय की याद कर चर्चा करना एक आत्मिक आनंद की अनुभूति कराता है, शिक्षकों ने संयुक्त रूप से कहा कि विद्यार्थी जीवन में हर किसी की अपनी मंजिल होती है और उन मंजिल को प्राप्त करने के लिए सतत प्रयास करते हैं कई लोग नौकरी के लिए शिक्षा ग्रहण करते हैं, कई लोग व्यापार के लिए शिक्षा ग्रहण करते हैं, कई लोग समाज सेवा के लिए शिक्षा ग्रहण करते हैं शिक्षा कभी व्यर्थ नहीं गया है शिक्षकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमारे पढ़ाए हुए अधिकांश छात्र शिक्षा के रूप में विभिन्न स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहा है, और अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने स्कूल का नाम रोशन कर रहे हैं इस अवसर पर छात्र छात्राओं को आशीर्वाद देते हुए सभी शिक्षक भावुक हो गए, कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए शाला के प्राचार्य संजय शर्मा ने कहा कि आज 96 – 97 बैच के छात्र व शिक्षको को साथ मिलकर हमे अपने स्कूली शिक्षा की याद आ गई है, छात्र शिक्षको का सम्मान करते है, आदर करते है तो शिक्षक का शिक्षा व जीवन दोनो धन्य हो जाता है, शिक्षक की शिक्षा से छात्र को संस्कार व केरियर मिले तो यही शिक्षा का मूल भाव है, शिक्षक को याद करना ही उनका आदर है, और शिक्षक की शिक्षा से छात्र के व्यवहार व कार्य मे थोड़ा सुधार आये तो वही शिक्षक की सफलता है, छात्र द्वारा शिक्षक का दुर्व्यहार करना उनके वध करने के समान है, कार्यक्रम का संयोजन उत्कृष्ट रहा है। कार्यक्रम का संचालन चित्रकांत श्रीवास द्वारा किया गया एवं आभार सुरेश टाइगर सर द्वारा किया गया इस अवसर पर श्रीमती हेमलता वर्मा सुभाश्री साहू, केशनी साहू, मधु मनहर, माली गोइन, श्रीकांत पांडे, विमलकांत पांडे फिरोज मेमन सुशील कैवर्त लोकेश दीवान विनोद बंजारे प्रियंवदा पांडे रेणुका गोस्वामी रंजीता तिवारी भगवती दुबे चमेली यादव संध्या गोस्वामी प्रवर्षण पुरी गोस्वामी नरेंद्र यादव सौरभ दीवान जवाहर कैवर्त रघुनंदन साहू दिलीप साहू नरेंद्र बघेल राजकुमार श्रीवास रूप नारायण पटेल लक्ष्मी श्रीवास नरेंद्र बघेल ओम प्रकाश ठाकुर संतोष धूरी राजकुमार श्रीवास अमित कैवर्त शोभाराम टाइगर जगजीवन सिराज मेमन मनोज गौरहा लखेश्वर पुरी गोस्वामी रमेश दुबे मनोज मिश्रा वृंदा सूर्यवंशी लोचन कुम्हार भानु पुरी गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे..

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