बिलासपुर

रामभक्त पत्रकार ने पेश की मिशाल, रोजा इफ्तार के लिए निःशुल्क बांट रहे खजूर

Mohammad Nazir Hussain Bilaspur

रामभक्त पत्रकार ने पेश की मिशाल, रोजा इफ्तार के लिए निःशुल्क बांट रहे खजूर


रायपुर ख़बर 36 गढ़ न्यूज। रामभक्त पत्रकार अनिल पवार ने मिशाल पेश की है। भाई-चारे की मिशाल पेश करते रोजा इफ्तार के लिए निःशुल्क खजूर बांट रहे हैं। अनिल पवार वर्तमान में छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी हैं। पत्रकार ज़ाकिर घुरसेना ने अनिल पवार की तारीफ करते अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा – सात संदूको में भरकर दफ़न कर दो नफरतें, आज इंसान को मोहब्बत की जरूरत है बहुत। मशहूर शायर डा. बशीर बद्र साहब के इस शेर पर अमल करने की सख़्त ज़रूरत बताया। देखें तो एकता और भाईचारा हर प्रगतिशील समाज की बुनियाद है। इसके बिना मजबूत समाज की कल्पना भी नही की जा सकती। हमारे मित्र अनिल पवार जी हैं। पिछले लगभग 33 वर्षों से पत्रकारिता से जुडे हैं, स्वदेश, दैनिक भास्कर और बाद में हितवाद रायपुर के जीएम भी रहे हैं। छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी हैं। गंगा जमुनी तहजीब यानी हिंदू मुस्लिम संस्कृति और एक दूसरे के प्रति प्रेम को आगे बढ़ा रहे हैं। हनुमान के भक्त होने के साथ बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति के और संवेदनशील हैं, किसी के तकलीफ़ में सबसे आगे भी रहते हैं। श्री अनिल भाई पिछले 20 से भी ज्यादा सालों से रमज़ान शरीफ़ के महीने में मुस्लिम पत्रकार साथियों को रोजा इफ्तार के लिए खजूर उपलब्ध कराते आ रहे हैं। पहले रायपुर के मुस्लिम पत्रकार साथियों को खजूर दे रहे थे अब कई लोगों का अन्य जगहों में तबादला होने के बाद कहा जाए तो इनका दायरा भी बढ़ गया है।

रायपुर के आलावा भोपाल, अंबिकापुर, शहडोल, नागपुर,गरियाबंद, बलरामपुर , भिलाई और अन्य जगहों में भी निशुल्क खजूर भेज रहे हैं। ऐसे ही एक सज्जन जबलपुर के हैं श्री तिलकराज तिलवानी जो सिंधी समाज से आते हैं। उनका नाम हिंदुस्तान के मशहूर शायरों में आता है। उन्होनें अपना उप नाम पारस रखा है जो तिलकराज पारस के नाम से नात शायरी के क्षेत्र में अपना झंडा बुलंद किया हुआ है। ऐसे लोग बिरले होते हैं जो समाज में भाईचारा को मजबूती प्रदान करते हैं। ये समाज के रत्न होते हैं। आज के माहौल को देखते हुए मैं भाई अनिल पवार जी के इस नेक कार्य की जितनी तारीफ़ करूं कम है। ऐसे समाजरत्न के लिए एक शेर तो बनता ही है_ ना हिंदू, ना मुस्लिम, ना सिख, ना ईसाई बुरा है, जो इंसानियत का हाथ आगे बढ़ा रहा है वह इंसान बड़ा है।

Back to top button
error: Content is protected !!