विधानसभा सचिवालय में वित्तीय प्रमुख की संयुक्त बैठक आयोजित हुई
Mohammad Nazir Hussain Raipur chattisgarh
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जी के नेतृत्व में लोक लेखा समिति, प्रक्कलन समिति, सरकारी निगमों संबंधी समिति एवं निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति के विषयों पर चर्चा हुई
रायपुर: ख़बर 36 गढ़ न्यूज 11 जुलाई 2024 : आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिवालय में विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी के नेतृत्व में वित्तीय पहलुओं की संयुक्त बैठक आयोजित हुई जिसमें लोक लेखा समिति के सभापति डॉ. चरणदास महंत जी, प्रकल्पन समिति के सभापति श्री अजय चन्द्राकर जी। सरकारी निगमों संबंधी समिति के सभापति श्री अमर अग्रवाल जी. स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति के सभापति श्री धरमलाल कौशिक जी, प्रधान महालेखाकार श्री यशवंत कुमार जी, वित्त विभाग के सचिव, संचालक, राज्य संपरीक्षा विधान सभा के सचिव श्री दिनेश शर्मा जी और वित्त सचिव श्री शारदा वर्मा जी एवं इन वित्तीय रूप से संबंद्ध अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
सभी वित्तीय पहलुओं के सभापतियों एवं सदस्यों को वर्ष 2024-25 के लिए सभापति एवं सदस्य चुनने पर बधाई देते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जी ने इस संयुक्त बैठक की शुरुआत की। उन्होंने आगे कहा कि संसदीय मुहरों का दायरा अत्यंत विस्तृत और व्यापक स्वरूप का होता है, इसलिए इसी महत्ता के कारण संसदीय मुहरों को लघु सदन की संज्ञा दी जाती है। अन्तः सत्र काल में विधानिका के माध्यम से ही कार्यपालिका पर नियंत्रण बनाए रखा है और इस सत्र में सभी वित्तीय पहलुओं के सभापति अनुभवी और संसदीय ज्ञान से संतुष्ट हैं, जिससे कि उनके सुदीर्घ संसदीय ज्ञान और अनुभवों से हमारे सदन की वित्तीय समितियां खतरे में साथ ही प्रभावित हैं। परिणाम मूल सिद्ध हुआ।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जी ने वित्तीय कठिनाइयों के महत्व और उनकी उपयोगिता पर चर्चा करते हुए कहा कि संसदीय समितियों में वित्तीय समितियों का अपना अलग महत्व है क्योंकि यही वह समितियां होती हैं जो विधानसभा द्वारा निर्धारित बजट की राशि को विभिन्न शासकीय योजनाओं में शामिल करती हैं। जिस तरह से खर्च किया जा रहा है, इस पर नजर रखने वाले लोग, इसकी समीक्षा करते हैं और समीक्षा से प्राप्त निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि वित्तीय अनुशासन को बनाए रखना सुनिश्चित है।
जिसके बाद उन्होंने वित्तीय वर्ष में लोक लेखा समिति को सबसे महत्वपूर्ण रूप से एक व्याख्या करते हुए कहा कि इस समिति के माध्यम से भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षकों के प्रतिवेदन में प्रस्तुत वित्तीय अंकेक्षण से संबंधित कार्यों की समीक्षा होती है और इसमें अनियमितता सामने आती है। इसलिए उस वित्तीय अनियमितता से संबंधित सभी कंडिकाओं का मौखिक परीक्षण तथा शेष अन्य कंडिकाओं पर लिखित जानकारी के आधार पर लोक लेखा समिति परीक्षण करती है।