सीपत; करंट की चपेट में आने से ठेकाकर्मी की मौत: बिना परमिट कराया जा रहा था काम..स्थानीय व्यक्ति निजी काम में ले गया था कर्मचारी को… Khabar 36 Garh news sipat ntpc bilaspur

परिजनों ने की मुआवजे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग!

परिजनों ने की मुआवजे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग!
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ सीपत: बुधवार 25 जून दोपहर को सीपत क्षेत्र के ग्राम खम्हरिया स्थित विद्युत उपकेंद्र में कार्यरत एक ठेका कर्मचारी की करंट की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान ग्राम मड़ई निवासी मुंशीराम कांगो पिता तखतराम कांगो उम्र 54 वर्ष के रूप में हुई है। वह बीते 15 वर्षों से खम्हरिया सब स्टेशन में फ्यूज कॉल 1+2 हेल्पर के रूप में ठेकेदारी के तहत कार्यरत था। घटना के संबंध में कर्मचारियों ने बताया कि मुंशीराम बुधवार को ड्यूटी पर था, इसी दौरान दोपहर लगभग 3 बजे खम्हरिया निवासी शरद दुबे उसे अपने निजी प्लॉट में बिजली कनेक्शन के लिए ले गया। यह प्लॉट लूथरा दादी अम्मा तालाब के पास स्थित है। वहां पंप के लिए तीन फेज कनेक्शन जोड़ते समय मुंशीराम करंट की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद सब स्टेशन में कार्यरत ठेका कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि शरद दुबे ने आज तक किसी भी कार्य के लिए विद्युत सब स्टेशन में आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। स्थानीय होने के कारण वह अक्सर बिना किसी अनुमति के मुंशीराम को अपने निजी कार्यों के लिए ले जाया करता था। परिजनों ने भी आरोप लगाया है कि कई बार आधी रात को भी मुंशीराम को बुलाकर बिजली सुधार का काम करवाया जाता था। कर्मचारियों का कहना है कि पिछले एक महीने से सीपत बिजली कार्यालय के प्रभारी अधिकारी रंजना देवांगन और प्रमोद चौबे से खम्हरिया सब स्टेशन के लिए नियमित कर्मचारी की मांग की जा रही थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा अब तक कोई कर्मचारी नियुक्त नहीं किया गया। नियमानुसार ऐसे कार्यों के लिए परमिट केवल नियमित कर्मचारी को ही दिया जा सकता है, लेकिन यहां ठेका कर्मचारियों से ही जोखिमभरे कार्य करवाए जा रहे , उस वक्त ड्यूटी पर ऑपरेटर मौजूद थे, लेकिन उससे भी कोई अनुमति नहीं ली गई। इस पूरे मामले ने विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद मुंशीराम का शव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीपत लाया गया जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया जारी है। साथ ही मृतक के लिए उचित मुआवजे की भी मांग की गई है। घटना के बाद से ही ठेका कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है और वे विभागीय लापरवाही के खिलाफ विरोध दर्ज कराने की तैयारी में हैं। अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी और प्रशासन इस लापरवाही पर क्या कदम उठाते हैं।