युवाओं में दिखा जज़्बा: रक्तदान महादान है, यही मानवता की सच्ची पहचान, रक्तदान से बड़ा कोई पुण्य नहीं: विरेंद्र साहू सरपंच ? Khabar 36 Garh is news bilaspur

समाजसेवा की भावना को और मजबूत करते हैं। जब भी किसी को खून की जरूरत पड़ती है, तब उसे जीवन देने वाला वही व्यक्ति होता है

Mohammad Nazir Hossain chief editor bilaspur chhattisgarh
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ बिलासपुर । ग्राम पंचायत पंधी के सामुदायिक भवन में रविवार को ग्राम पंचायत पंधी एवं हंस वाहिनी ब्लड बैंक सरकंडा के संयुक्त तत्वावधान में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का भव्य आयोजन किया गया। गांव के युवाओं और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर मानवता का परिचय दिया। शिविर में कुल 38 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ, जो जरूरतमंद मरीजों के जीवन को बचाने में मददगार सिद्ध होगा। कार्यक्रम में पंधी सरपंच बिरेंद्र साहू ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है, क्योंकि यह किसी अनजान व्यक्ति के जीवन में नई उम्मीद जगाता है। इस प्रकार के आयोजन गांव में समाजसेवा की भावना को और मजबूत करते हैं। जब भी किसी को खून की जरूरत पड़ती है, तब उसे जीवन देने वाला वही व्यक्ति होता है जो निस्वार्थ भाव से रक्तदान करता है। यह मानवता की सबसे बड़ी मिसाल है, और पंधी गांव के लोग इस अभियान में बढ़-चढक़र हिस्सा लेकर मिसाल कायम कर रहे हैं।
सरपंच वीरेंद्र साहू ने आगे कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई पुण्य नहीं। यह ऐसा दान है जो किसी की जान बचाकर सच्चे अर्थों में मानवता की सेवा करता है। हम सभी को अपने जीवन में कम से कम वर्ष में एक बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए। ग्राम पंचायत पंधी हर वर्ष इस प्रकार के आयोजन करती रहेगी, ताकि गांव के युवाओं में सेवा और एकता की भावना बनी रहे।
कार्यक्रम में रक्तदाताओं को हेलमेट, इयरफोन या लर्निंग लाइसेंस के साथ अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया। आयोजन को सफल बनाने में सरपंच वीरेंद्र साहू, पंच लव यादव, अब्दुल कय्यूम खान, विनोद साहू, रामसजीवन साहू, केदारगिरी गोस्वामी, सुमेंद्र वर्मा, अंशु यादव, मनोज वर्मा, बल्लू यादव, नागेश सूर्यवंशी, अरुण श्रीवास, राजकुमार धुरी, अरविंद साहू, संतोष केवट सहित हंसवाहिनी ब्लड बैंक सरकंडा के डॉ. साधराम यादव एवं उनकी टीम तथा ग्रामवासियों का उल्लेखनीय योगदान रहा। गांव में आयोजित इस शिविर ने न केवल रक्तदान की जागरूकता फैलाई, बल्कि यह संदेश भी दिया कि सेवा का भाव ही सच्चा उत्सव है।

