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बेघरों को अपने खर्चों से कंबल वितरित कराने का आदेशज् रात्रि गश्त में पुलिस बनी फरिश्ता,सीपत- मटियारी के लाल एसएसपी अग्रवाल की पहल पूरे प्रदेश में बनी मिसाल ? Khabar 36 Garh is news bilaspur

ठंड में भी गर्माहट बाँटते कदम; सरगुजा एसएसपी राजेश अग्रवाल की मानवीय पहल ने जीता दिल


       Mohammad Nazir Hossain chief editor bilaspur
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ बिलासपुर:   सीपत मटियारी का नाम रोशन करते हुए सरगुजा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्री राजेश अग्रवाल इन दिनों अपनी मानवीय सोच और करुणा से लोगों के दिल जीत रहे हैं। भीषण कड़ाके की ठंड में जहां लोग अपने घरों में दुबके बैठे हैं, वहीं खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर जरूरतमंदों के लिए अग्रवाल की यह विशेष पहल जीवन–रक्षक साबित हो रही है। सर्द रातों में सडक़ किनारे , बसस्टैंड या बाज़ारों के छज्जों के नीचे सहमे हुए लोगों की तकलीफ़ को महसूस करते हुए एसएसपी अग्रवाल ने ऐसा कदम उठाया है, जिसकी चर्चा न केवल सरगुजा बल्कि आसपास के जिलों में भी प्रेरणादायक उदाहरण के रूप में हो रही है।

रात के अंधेरे में पुलिस की गर्माह —10-10 कंबलों की व्यवस्था

अपने व्यक्तिगत खर्च से एसएसपी राजेश अग्रवाल ने जिले के प्रत्येक थाना एवं चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया है कि रात्रि गश्त के दौरान वे अपने वाहन में कम से कम 10 कंबल अवश्य रखें। जैसे ही कहीं कोई बेघर, वृद्ध, मजदूर या मजबूर व्यक्ति खुले में ठंड से जूझता दिखाई दे—उसे तुरंत कंबल ओढ़ाकर राहत दी जाए।

हर रात राहत बाँटती पुलिस —जनता ने कहा सच्चा जनसेवक

इस नेक पहल का असर भी दिखने लगा है। पिछले कुछ दिनों में रात के समय कई लोगों को पुलिसकर्मियों द्वारा कंबल पहनाते देखा गया, जिसके वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। जनमानस एसएसपी अग्रवाल की इस पहल को कर्तव्य से आगे बढक़र मानवीयता की मिसाल कह रहा है।

दूसरे जिलों में भी चर्चा— सरगुजा मॉडल के रूप में प्रशंसा

प्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारी और सामाजिक संगठन इस कदम को बेहद प्रेरणादायक बताते हुए अन्य जिलों में भी इसी तरह की व्यवस्था अपनाने की सलाह दे रहे हैं। अग्रवाल की इस सोच ने प्रशासनिक तंत्र में एक नई ऊर्जा भरी है कि मानवता हमेशा प्रथम स्थान पर होनी चाहिए।

मटियारी का बेटा, प्रदेश की शान: एसएसपी राजेश अग्रवाल

सरगुजा के लोकप्रिय एसएसपी मूलत: सीपत क्षेत्र के ग्राम मटियारी के निवासी हैं। छत्तीसगढ़ की इस पुण्य धरती की सादगी, संस्कार और मानवीय मूल्य उनके व्यक्तित्व में साफ झलकते हैं। आज सरगुजा में जो कार्य वे कर रहे हैं, उससे न सिर्फ जिला, बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ गर्व महसूस कर रहा है।

मानवीय मूल्य उनके व्यक्तित्व में साफ झलकते हैं। आज सरगुजा में जो कार्य वे कर रहे हैं, उससे न सिर्फ जिला, बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ गर्व महसूस कर रहा है।

मानवीयता की यही राह प्रशासन को बनाती है जनता का प्रहरी

कडक़ड़ाती ठंड में किसी अजनबी को कंबल ओढ़ाना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि दिल से निकला दायित्व है।एसएसपी अग्रवाल ने यह साबित कर दिया कि पुलिस वर्दी सिर्फ कानून व्यवस्था संभालने का प्रतीक नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और करुणा का भी प्रतीक हो सकती है।
यह पहल सिर्फ कंबल नहीं—गर्माहट, सुरक्षा और अपनत्व बाँटने का अद्भुत उदाहरण है। सरगुजा पुलिस की यह अनोखी मुहिम आने वाले समय में पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बनेगी और शायद यही वह बदलाव है जिसकी समाज को जरूरत है।

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