शून्यकाल में गूंजा धान खरीदी,टोकन का मुद्दा, मस्तूरी विधायक लहरिया ने राज्य सरकार को घेरा ? Khabar 36 Garh is News bilaspur

प्रदेश में धान खरीदी की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। किसान टोकन के लिए दिनों-दिन भटकने को मजबूर: विधायक लहरिया

Mohammad Nazir Hossain chief editor bilaspur
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ बिलासपुर / विधानसभा क्षेत्र में धान खरीदी को लेकर किसानों को हो रही भारी परेशानियों का मुद्दा आज विधानसभा सत्र के शून्यकाल के दौरान जोरदार तरीके से उठाया गया। मस्तूरी विधायक श्री दिलीप लहरिया ने धान खरीदी केंद्रों में व्याप्त अव्यवस्था, टोकन प्रणाली की विफलता, खरीद सीमा (लिमिट) और रकबा कटौती को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। विधायक लहरिया ने कहा कि प्रदेश में धान खरीदी की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। किसान टोकन के लिए दिनों-दिन भटकने को मजबूर हैं। 70 प्रतिशत ऑनलाइन और 30 प्रतिशत ऑफलाइन टोकन की व्यवस्था कागजों तक सीमित रह गई है, जबकि व्यवहार में किसानों को समितियों, तहसील कार्यालयों और पटवारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उन्होंने शून्यकाल में कहा कि खरीदी देर से शुरू होने और समितियों में अत्यंत कम खरीदी लिमिट तय किए जाने के कारण बहुत कम मात्रा में धान की खरीदी हो पा रही है। अधिकांश किसानों का धान अभी भी खुले में पड़ा हुआ है और मौजूदा खरीदी सत्र की अंतिम तिथि तक सभी किसानों का धान खरीदा जाना संभव नहीं दिख रहा है। विधायक दिलीप लहरिया ने रकबा कटौती की समस्या को भी गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि पंजीकृत किसानों को भी पूरे रकबे के अनुसार धान बेचने की अनुमति नहीं मिल रही है, जिससे किसान आर्थिक और मानसिक रूप से टूट रहे हैं। उन्होंने हाल ही में टोकन न मिलने से आहत एक किसान द्वारा आत्मघाती प्रयास की घटना का उल्लेख करते हुए इसे सरकार की विफलता का परिणाम बताया। शून्यकाल के दौरान विधायक लहरिया ने मांग की कि धान खरीदी की अंतिम तिथि तत्काल बढ़ाई जाए, प्रतिदिन की खरीदी लिमिट में वृद्धि की जाए, ऑनलाइन और ऑफलाइन टोकन व्यवस्था को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में लागू किया जाए तथा रकबा कटौती की प्रक्रिया की पुनः समीक्षा की जाए।

