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गुरु घासीदास जी ने ‘मनखे-मनखे एक समान’ का जो संदेश दिया,सच्चे अर्थों में सामाजिक समरसता और मानवता की नींव है : अरविंद लहरिया कांग्रेस नेता ? Khabar 36 Garh is News bilaspur

सतनाम का विचार आज भी हमें सत्य, अहिंसा, समानता और भाईचारे के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है, छत्तीसगढ़ की मिट्टी ने ऐसे महान संत को जन्म दिया

         Mohammad Nazir Hossain chief editor bilaspur chhattisgarh

ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ बिलासपुर: महान समाज सुधारक, संत शिरोमणि गुरु घासीदास जी की जयंती के पावन अवसर पर गुरुवार को ऊनी से खम्हरिया, धनियां, गुड़ी होते हुए सीपत के नवाडीह चौक तक पहुँची सतनाम समाज की भव्य शोभायात्रा का जोरदार एवं आत्मीय स्वागत किया गया।
इस अवसर पर अजा प्रदेश कांग्रेस के संयोजक एवं मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया के सुपुत्र अरविंद लहरिया ने समाज के लोगों के साथ मिलकर नवाडीह चौक में केक काटकर गुरु घासीदास जी की जयंती की खुशियाँ साझा कीं। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए अरविंद लहरिया ने कहा कि गुरु घासीदास जी ने ‘मनखे-मनखे एक समान’ का जो संदेश दिया, वही सच्चे अर्थों में सामाजिक समरसता और मानवता की नींव है। उनका सतनाम का विचार आज भी हमें सत्य, अहिंसा, समानता और भाईचारे के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। छत्तीसगढ़ की मिट्टी ने ऐसे महान संत को जन्म दिया, यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। उन्होंने आगे कहा कि सतनाम समाज ने हमेशा शिक्षा, सामाजिक चेतना और समान अधिकारों के लिए संघर्ष किया है और आने वाली पीढिय़ों को गुरु घासीदास जी के विचारों को आत्मसात कर आगे बढऩा चाहिए।

गुरू घासीदास जयंती समारोह पर निकले रैली का खम्हरियां बस स्टैंड चौक पर भव्य स्वागत किया गया

कार्यक्रम में सीपत क्षेत्र सरपंच संघ की अध्यक्ष श्वेता शैलेन्द्र खांडेकर ने भी समाज को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु घासीदास जी का जीवन हमें सिखाता है कि समाज में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। उनका सतनाम आंदोलन आज भी सामाजिक एकता और न्याय का सशक्त प्रतीक है। ऐसे आयोजनों से हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत मजबूत होती है। उन्होंने शोभायात्रा के आयोजन को अनुशासन, आस्था और सामाजिक एकजुटता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। इस अवसर पर सीपत सरपंच प्रतिनिधि मनीषा योगेश वंशकार, जांजी सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र पाटले सहित बड़ी संख्या में सतनाम समाज के लोग, जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे। पूरे मार्ग में जय सतनाम के गगनभेदी नारों, झांकियों और उत्साहपूर्ण माहौल ने क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम के अंत में समाजजनों ने एक-दूसरे को जयंती की बधाई दी और गुरु घासीदास जी के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया

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