पोला पर्व पर धनुहारपारा स्कूल में हुआ बैल दौड़ प्रतियोगिता ? khabar 36 Garh is news sipat ntpc bilaspur



पोला पर्व का महत्व केवल बैलों की पूजा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और कृषि संस्कृति के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर भी है

Mohammad Nazir Hossain chief editor sipat ntpc bilaspur
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ सीपत :- हमारे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और पर्व हमें बहुत कुछ सिखाती है छत्तीसगढ़ के आंचलिक पर्व पोला पर शासकीय उन्नत प्राथमिक शाला धनुहारपारा कुकदा के बच्चों ने अपने घर से सुंदर और आकर्षक नंदी बैल और पोला जाता बनाकर लाएं थे | सभी बच्चों की प्रतिभाएं उनकी कलाकारी में झलक रही थी | बच्चों ने मिट्टी से बनाएं अपने नंदी बैलों और पोला जाता को अच्छी तरह से रंगो से सजा कर लाये रहे विद्यालय में उनकी प्रदर्शनी लगाई गई बच्चों द्वारा की गई कलाकारी सभी को आकर्षित और मंत्र मुग्ध कर रही थी बच्चों ने पीपल की पत्तों की सहायता से श्री गणेश जी की सुंदर छवि बनाई | बच्चों द्वारा लाये गए नंदी बैलों के बीच दौड़ प्रतियोगिता आयोजित किया गया, बारिश में भी बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था | अंत में सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया इस अवसर पर शिक्षक चरण दास महंत ने बताया, कि पोला पर्व का महत्व केवल बैलों की पूजा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और कृषि संस्कृति के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर भी है | यह पर्व हमें याद दिलाता है, कि मनुष्य का जीवन पूरी तरह से प्रकृति और पशुधन पर निर्भर है | खेतों से जुड़ी यह परंपरा ग्रामीण जीवन में श्रम, सहयोग और सामूहिकता का संदेश देती है इस अवसर पर संस्था प्रमुख बसंत जायसवाल शिक्षक संजय बरेठ सहित बच्चे उपस्थित रहे |

