भुइया का माया जाल, पटवारी किसान त्रस्त प्रशासन मस्त

मोहम्मद नज़ीर हुसैन
ख़बर 36 गढ़ न्यूज
जिले में पटवारियों की संख्या लगभग २६० है जिसमे अधिकांश पटवारी पुराने जमाने के है जिनकी उम्र ५०वर्ष से अधिक है जिनको कंप्यूटर की तनिक भी जानकारी नहीं है
सीपत:- भुईया सॉफ्टवेयर में एन आई सी द्वारा किए जा रहे लगातार बदलाव से पटवारी और किसान त्रस्त हो रहे है भुईयां सॉफ्टवेयर में लगातार बदलाव के कारण किसान परेशान हो रहे है। राज्य कि महत्वपूर्ण योजना धान खरीदी कार्य में बहुतायत त्रुटि सामने आ रही है,पटवारी द्वारा किए गए फसल गिरदावरी रिपोर्ट एवम धान खरीदी केंद्र में उपयोग किए जा रहे मैडुलर में भिन्नता प्रदर्शित हो रही है,पटवारी आई डी रिपोर्ट में किसान का फसल दुरुस्त दिखा रहा है वही पर सोसायटी के मैडुलर पर शून्य रकबा दिख रहा यह विभिन्नता से किसान पूरी तरह से परेशान है एव उन्हें अपने बोई गई फसल की बिक्री की चिंता सता रही है। प्रशाशन जल्द सुधार कार्य कर लिया जाएगा कहकर आश्वाशन देते हुए फसल सुधार दिनांक को २१/११/२२ तक का समय प्रदान किया गया है। इस तरह एन आई सी की गलती को छुपा रही है।
एन आई सी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है,
उनके प्रमुख का कहना है शासन द्वारा जैसे सर्वर उपलब्ध कराई जाएगी वैसा कार्य होगा इस तरह से सभी अपनी गलती छुपाने से पल्ला किनारा कर रही है।आखिर इसका मुख्य समस्या का निराकरण से किसान एवम पटवारी परेशान हो रहे है क्योंकि किसान पटवारी को ही जनता है और वह उन्हीं से ही उम्मीद करता है एन आई सी द्वारा भुइया सॉफ्टवेयर का बार बार बदलाव बिना सूचना दिए बदल देना न्यायोचित प्रतीत नही होता है। क्योंकि भुइया सॉफ्टवेयर का समझना फिर उस पर कार्य करना पटवारी के दृष्टिकोण से बहुत दुभर हो जाता है। जिले में पटवारियों की संख्या लगभग २६० है जिसमे अधिकांश पटवारी पुराने जमाने के है जिनकी उम्र ५०वर्ष से अधिक है जिनको कंप्यूटर की तनिक भी जानकारी नहीं है, उनके द्वारा जैसे तैसे नए पटवारियों से पूछकर कार्य किया जाता है और जैसे पुराने पटवारी सॉफ्टवेयर को सीखकर तैयार होते है ठीक वैसे ही एन आई सी द्वारा भुईयां सॉफ्टवेयर में बदलाव कर दिया जाता है जिससे पटवारी परेशान एवम त्रस्त है ।जिससे पटवारियों में आक्रोश है,
एन आई द्वारा नित नए प्रयोग से भुइया सॉफ्टवेयर से किसान का नाम रकबा ग्राम का नाम आदि में गड़बड़ी हो जा रही है,
ग्राम मुख्यालय कौवाताल के नाम को भुइया कौवा का पैर एवम आश्रित ग्राम झलमाला को जलमाला एवम भूमि स्वामी के नाम में भी परिवर्तन दिखलाई पड़ रहा है इसका दोषी एक मात्र एन आई सी है जो मनमाना तरीका से सॉफ्टवेयर में दिनोदिन बदलाव किया जा रहा है,वर्तमान में राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायत की आई डी उपलब्ध करा दिया गया है लेकिन अभी तक पूर्ण रूप से आई डी ग्राम पंचायत को प्राप्त नहीं हुई है साथ ही साथ एन आई द्वारा सॉफ्टवेयर के परिवर्तन पर किसी प्रकार की कोई प्रशिक्षण आयोजित नही कराई जाती है जिससे भुईयां सॉफ्टवेयर के क्रियान्वयन में समस्या आ रही है।
वर्तमान में भुईयां सॉफ्टवेयर में न्यायायल से आने वाले आदेश ज्ञापन का दुरुस्तीकरण का कोई विकल्प नहीं डाला गया है जिससे न्यायायल द्वारा जारी आदेश ज्ञापन का अभिलेख दुरुस्त नहीं हो पा रहा है जिससे भूमि स्वामी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, और पटवारी किसान के बीच आसम्जय की स्थिति निर्मित हो रही है।
एक तरह शासन की मंशा है कि भुइया सॉफ्टवेयर को सरलीकरण किया जाना है लेकिन सरलीकरण के नाम पर भुइया सॉफ्टवेयर और क्लिस्ट होते दिख रहा है।
इस तरह से भुईयां सॉफ्टवेयर की नित नए प्रयोग से किसान एवम पटवारी दोनो परेशान है।