वार्षिक उत्सव के नाम पर 2 दिनों से पढ़ाई लिखाई हुआ बंद,बच्चों से कराया गया स्कूल प्रांगण में साफ-सफाई कार्य
(मोहम्मद नज़ीर हुसैन) बिलासपुर
वार्षिक उत्सव के नाम पर 2 दिनों से पढ़ाई लिखाई हुआ बंद,बच्चों से कराया गया स्कूल प्रांगण में साफ-सफाई कार्य
बच्चों से कार्य की शिकायत उच्च अधिकारियों को दिए गए हैं,जवाबदार शिक्षक के ऊपर होंगी कड़ी कार्यवाही
मस्तूरी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत चिस्दा के शासकीय प्राथमिक शाला का मामला।
मस्तूरी ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ 8 फरवरी 2024: विकास खण्ड के ग्राम पंचायत चिस्दा के शासकीय प्राथमिक शाला में वार्षिक उत्सव के नाम पर प्राइमरी स्कूल के बच्चों से स्कूल प्रांगण को गोबर से लिपाई पुताई के साथ साथ कचरा साफ करवाया जाए, और बाकायदा उसके लिए बच्चों के साथ में एक शिक्षक भी उपस्थित है, जो बच्चों को अच्छे से कार्य को करने के लिए निर्देश भी कर रहे है, प्राइमरी क्लास के बच्चे जो अपने पढ़ाई के किताब भरी बस्ते को अच्छे से सम्भाल नहीं सकते ऐसे बच्चों से काम करवाना कहां तक सही है, जबकि उक्त विद्यालय में सफ़ाई कर्मचारी भी उपस्थित है, लेकिन सफाई कर्मचारी से साफ सफाई ना करवाकर बच्चों से वहां के शिक्षक काम करवा रहे हैं।
शासकीय प्राथमिक शाला चिस्दा में साफ सफाई करते झाड़ू और मिट्टी डालते स्कूली बच्चों का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। बच्चों से साफ सफाई कार्य करवाने वाले शिक्षकों की लापरवाही साफ देखने को मिली है। जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण अंचल में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सर्व शिक्षा अभियान सब पढ़े सब बढ़े का नारा देकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मगर जिन हाथों में किताबें और कलम होनी चाहिए उन हाथों में घमेला,बाल्टा,गोबर और झाड़ू दिख रहा है। शिक्षकों की लापरवाही साफ देखने को मिल रही है। आप फ़ोटो में देख सकते हैं कैसे शिक्षक खुद पास खड़े होकर बच्चों से सफाई कराते नजर आ रहे हैं। सही तरीके से सफाई न करने वाले बच्चों को काटते हुए समझा भी रहे अच्छे से सफाई करना है। बता दें मस्तूरी जनपद क्षेत्र के पचपेड़ी तहसील से जोंधरा मार्ग पर सड़क किनारे लगे शासकीय प्राथमिक शाला चिस्दा का है। जहां पहले से ही वहां सफाई कर्मचारी की पोस्टिंग है और सफाई कर्मचारी रहते हुए भी सफाईकर्मी को न बुलाकर बच्चों से सफाई का काम लिया जा रहा है। बच्चे भी खुशी-खुशी इस काम में लगे रहते हैं, क्योंकि इससे वह पढ़ाई से बचे रहते हैं। स्कूल परिसर काफी बड़ा है। इतने बड़े परिसर की सफाई का जिम्मा बच्चों पर डाल दिया गया है। चारों तरफ बने कमरों के बाहर भी बच्चे सफाई कर रहे हैं। खुद शिक्षक करा रहे हैं। बता दें की बच्चे अपना भला-बुरा भी नहीं समझते हैं। इससे स्कूल में पढ़ने वाले यह बच्चे इस काम का विरोध भी नहीं करते हैं।
*शिक्षक का बेतुका बयान*
वही इस संबंध में वहां के शिक्षक बाबूलाल कर्ष का कहना है कि बच्चों के माता-पिता एवं गांव के किसी ग्रामीणों को बच्चों द्वारा स्कूल प्रांगण में काम करने से ऐतराज नहीं है तो बाहरी लोगों के बातो से उसे कोई लेना देना नहीं है बताया।
मस्तूरी शिक्षा अधिकारी अश्वनी भारद्वाज ने इस मामले में बताया कि स्कूल में सफाई कर्मचारी रहते हुए भी बच्चों से इस तरह से कार्य करवाना गलत है, मामले की जानकारी उन्होंने उच्च अधिकारियों को भी दिए हैं, एवं जवाबदार शिक्षक के ऊपर कार्यवाही करने की बात कहें है