सीपत – खम्हरियां कुली मार्ग 2013-14 में बनी पर सड़कों में अब गड्ढा धुल गुब्बारों का है राज़,परेशान जनता को खांसी दमा बिमारी से राहत की उम्मीद,प्रशासन गिट्टियां डालकर चलें? Khabar 36 Garh is news sipat ntpc bilaspur



भारी वाहनों के दबाव से सड़कें बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। आज सड़कों का हाल खांडा पेट्रोल पंप, धनिया मंदिर मोड़ व दोनों पेट्रोल पंप, खम्हरियां पुराना बस स्टैंड एवं उनी मोड़ और कुली बस स्टैंड से लेकर लीलागर नदी तक, हादसों के हॉटस्पॉट बन चुके हैं।

Mohammad Nazir Hossain chief editor sipat ntpc bilaspur
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ सीपत : 2 सितंबर 2025। वर्षों से जर्जर हाल में पड़ी सीपत-खम्हरिया कुली सडक़ पर आखिरकार प्रशासन की नजर सिर्फ गिट्टियां तक दो चार दिनों बाद फिर गड्ढा धुल आखिर इस मार्ग को 12 सालों तक सिर्फ और सिर्फ रिपेयरिंग से ही चलाया जा रहा है और क्षेत्र के जनता को कम से कम इस सडक़ को इतना तो बना दो कि गड्ढा धुल से मुक्ति मिल जाएं यह सड़क साल 2013-14 में करीब 17.60 लाख रुपये की लागत से बनी रही जो 14 किमी लंबी सडक़ थी, और सीपत से कुली के लीलागर नदी तक जाती है, कभी क्षेत्र की सबसे बेहतर सडक़ों में मानी जाती थी। लेकिन समय के साथ मरम्मत के अभाव और भारी वाहनों के दबाव ने इसे बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। आज यह सडक़, खांडा पेट्रोल पंप, धनिया मंदिर मोड़ व दोनों पेट्रोल पंप खम्हरियां पुराना बस स्टैंड एवं उनी मोड़ और कुली बस स्टैंड से लेकर लीलागर नदी तक हादसों के हॉटस्पॉट बन चुके हैं। बाइक से लेकर छोटे वाहन चालक हर दिन जिंदगी दांव पर लगाकर इस सडक़ से गुजरने को मजबूर हैं। ट्रकों और ट्रेलरों को छोड़ दें, तो बाकी वाहन चालक और पैदल यात्री यहां रोज़ संघर्ष कर रहे हैं। यही नहीं, लुतरा शरीफ दरगाह जाने वाले जायरीनों से लेकर क्षेत्र के व्यापारी तक सभी इस समस्या से त्रस्त हैं। जनता की वर्षों पुरानी मांग पर प्रशासन ने संज्ञान लिया भी तो सिर्फ लीपापोती से काम कर चलें गये पर अब क्षेत्र की जनता चाहती है कि मरम्मत नहीं सीपत से कुली लीलागर नदी तक नई सड़क बनाई जाएं
नए सडक़ निर्माण के लिए 22 करोड़ का प्रस्ताव, फिलहाल अस्थाई सुधार शुरू
पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता सी.एस. विंदयराज ने बताया कि सीपत से लीलागर नदी तक नई सडक़ निर्माण के लिए 22 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिसे वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में शामिल करने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि बजट स्वीकृति के बाद नई सडक़ का निर्माण शुरू होगा। तत्काल राहत के लिए जिन स्थानों पर सडक़ की हालत बेहद खराब है, वहां अस्थायी मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया गया है। साथ ही पेट्रोल पंपों के पास अतिक्रमण हटाने और नालियों की सफाई को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
अब जनता की निगाहें ज़मीन पर दिखने वाले बदलाव पर टिकी हैं
लोगों को फिलहाल उम्मीद की किरण जरूर दिखाई दे रही है, लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या इस बार वाकई कुछ बदलेगा, या फिर हमेशा की तरह सिर्फ ‘आश्वासन’ ही मिलेगा? हर उस मुसाफिर की नजर अब इसी पर टिकी है कि क्या इन गड्ढों से गुजरती जि़ंदगी को वास्तव में एक चलने लायक रास्ता मिलेगा या नहीं।
