जिले में कृत्रिम अंगों के निर्माण से मिली 600 से ज्यादा लोगों को नई उम्मीद
प्रदेश का दूसरा निशुल्क अत्याधुनिक कृत्रिम अंग दंतेवाडा मे
दंतेवाडा(मोहम्मद अजहर)- ख़बर 36 गढ़ न्यूज छत्तीसगढ़ प्रदेश का दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है कृत्रिम अंगों का निर्माण करने वाला जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा लोगों की उम्मीदों से जुड़ गया है आपको बता दें प्रदेश मे दूसरा कृत्रिम अंग बनाने का संस्थान मुख्य चिकित्सालय दन्तेवाडा है जहाँ अबतक 600 से ज्यादा लोगों को नई उम्मीद और नया अंग मिला है शायद आप भी जानते ही होंगे कि अन्य प्राईवेट संस्थान मे दिव्यांगों को निजी क्षेत्र में लगने वाले कृत्रिम अंग जो लगभग दो लाख रुपए कीमत में मिलते हैं, साथ हि अन्य खर्च अलग होता है लेकिन अत्याधुनिक कृत्रिम अंग अब दन्तेवाडा के जिला चिकित्सालय में निशुल्क मरीजो को मिल रहा है ।
जहाँ प्रतिदिन जरूरतमंदों के अनुसार अत्याधुनिक कृत्रिम अंग बनाए जा रहे हैं इलाज के दौरान मरीजो को निशुल्क रहने की सुविधा, खाने की सुविधा, निशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई जा रही है और हफ़्ते भर के अंदर दिव्यांग को अत्याधुनिक कृत्रिम अंग फ्री में मिल पा रहा है दंतेवाडा मे इस यूनिट के लगने से आधुनिकता और तकनीक के साथ जिला चिकित्सालय अन्य राज्यों द्वारा कृत्रिम अंग निर्माण प्रणाली के समकक्ष होने लगा । गरीब दिव्यांगों को जिले में ही अत्याधुनिक प्रोस्थेटिक मुफ्त में मिलने से उनकी प्रगति एवं उनमें संतुष्टि के भाव पैदा होंगे। यहाँ मशीन से प्लास्टर कास्टिंग, प्लास्टर मोडिफिकेशन, थर्मो प्लास्टिक मोल्डींग, प्लास्टिक लेमीनेशन, जैसी क्रियाएं उच्च तकनीक से कृतिम अंग बनाने मे किया जा रहा अत्याधुनिक कृत्रिम अंग लोगों मे अब जिला चिकित्सालय मे मिल रहे सुविधा को लेकर डाक्टरो का धन्यवाद करते नजर आ रहे है ।
जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा बी.डी पुजारी ने श्रमिक के साथ बातचीत मे बताया कि आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश की कुल आबादी का लगभग 2 प्रतिशत हिस्सा दिव्यांगता का शिकार है, इसमें सर्वाधिक संख्या ऐसे लोगों की है, जिनके हाथ—पैर कट चुके हैं। ऐसे लोगों को अत्याधुनिक कृत्रिम अंग निशुल्क में उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से सरकार राजधानी रायपुर के बाद दूसरी यह यूनिट दंतेवाडा मे तैयार कराई गई है। जिसका लाभ लोगो को मिला और सैकड़ों लोगों को एक नई उम्र देने का कार्य जिला चिकित्सालय दन्तेवाडा किया है यूं तो दुर्घटनाग्रस्त दिव्यांगों को कृत्रिम हाथ पैर उपलब्ध कराने का कार्य संस्थान 2017 से कर रही है और अब तक 600 सौ से ज्यादा दिव्यांगों को आर्टिफिशियल लिम्ब लगाए जा चुके हैं।
6 वर्षो से डा.अनरुध कुमार दंतेवाडा मे रहकर सेवा दे रहे है उन्होंने अपनी सबसे बड़ी खुशी को स्वीकार किया कि आज वह टेक्नोलॉजी और अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों के माध्यम से जीवन को सक्षम बनाने में सक्षम है। वे कहते हैं, “जब मैंने दंतेवाडा मे शुरुआत की, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह इतने बड़े पैमाने पर बढ़ेगा और इतने सारे लोगों को फायदा होगा। क्योंकि इस क्षेत्र मे काम करना शुरू-शुरु मे कठिन लगा लेकिन आज मैं खुश हूं, सिर्फ इसलिए नहीं कि इससे बहुत सारे लोग लाभान्वित हो रहे हैं, बल्कि इसलिए कि मुझे दूसरों की मदद करने और जीवन में अपना उद्देश्य खोजने का अवसर मिला।” साथ शासन-प्रशासन द्वारा भी पुरी सहयोगी कि जाती है जिसका फल 600 से ज्यादा लोगी कि नई जिंदगी हैं
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