


रायपुर- (मोहम्मद नज़ीर हुसैन) ख़बर 36 गढ़ न्यूज
विशेष सत्र के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी। ऐसे में सरकार को मेरा पूरा सहयोग रहेगा।….
रायपुर : आरक्षण विधेयक पारित करने के लिए बुलाए गये विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर भाजपा कई सवाल उठा रही है। इस बीच राज्यपाल अनुसूईया उइके इसके समर्थन में आ गई हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी। ऐसे में सरकार को मेरा पूरा सहयोग रहेगा।….
महालेखाकार के एक कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा, मैंने पहले भी मुख्यमंत्री को इस बारे में चिट्ठी लिखी थी। उसमें बताया था कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। प्रदेश में सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की ओर से इसकी मांग उठाई जा रही है कि जो आरक्षण 58% से कम किया गया है उसको यथावत रखा जाए। मैंने भी कहा कि जो भी हाईकोर्ट में हुआ है उसके लिए कोई न कोई कदम सरकार को उठाना चाहिए। या तो अध्यादेश लेकर आये अथवा विधानसभा में सत्र बुलाकर या जो भी उनके द्वारा उचित है वह जल्दी से जल्दी समाधान होना चाहिए।उसी दिशा में सरकार के द्वारा यह कदम भी उठाया गया है।
महालेखाकार के एक कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा, मैंने पहले भी मुख्यमंत्री को इस बारे में चिट्ठी लिखी थी। उसमें बताया था कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। प्रदेश में सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की ओर से इसकी मांग उठाई जा रही है कि जो आरक्षण 58% से कम किया गया है उसको यथावत रखा जाए। मैंने भी कहा कि जो भी हाईकोर्ट में हुआ है उसके लिए कोई न कोई कदम सरकार को उठाना चाहिए। या तो अध्यादेश लेकर आये अथवा विधानसभा में सत्र बुलाकर या जो भी उनके द्वारा उचित है वह जल्दी से जल्दी समाधान होना चाहिए।उसी दिशा में सरकार के द्वारा यह कदम भी उठाया गया है।
राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा कि, मैं समझती हूं कि कोई न कोई ठोस निर्णय एक और दो तारीख को हो जाएगा। आरक्षण विधेयक की मंजूरी से जुड़े एक सवाल पर राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में ही कहा था कि इसमें मेरा पूरा सहयोग रहेगा।जब मैं ही मांग कर रही हूं कि विशेष सत्र बुलाएं और उसमें सारी चीजें आती है जो सबके हित के लिए है तो मैं क्यों मना करुंगी। मैं तो हमेशा छत्तीसगढ़ के कल्याण के लिए सोचती हूं। मेरे मन में कभी ऐसी भावना नहीं रही। पद मेरा संविधानिक है, संविधानिक दृष्टि से ही मैं काम करती हूं और कदम उठाती हूं।
