बिलासपुर

संसाधन नहीं तो काम नहीं” के सिद्धांत पर राजस्व अधिकारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी ? Khabar 36 Garh news bilaspur chhattisgarh

तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार 17 सूत्रीय न्यायोचित मांगों की पूर्ति हेतु विगत कई सप्ताहों से चरणबद्ध आंदोलनरत हैं।


Mohammad Nazir Hossain chief editor bilaspur chhattisgarh
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ बिलासपुर: छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के आह्वान पर प्रदेश के समस्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार 17 सूत्रीय न्यायोचित मांगों की पूर्ति हेतु विगत कई सप्ताहों से चरणबद्ध आंदोलनरत हैं। शासन द्वारा 30 जुलाई 2025 तक किसी प्रकार की ठोस पहल अथवा निर्णय न लिए जाने के कारण, 31 जुलाई 2025 से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ कर दी गई है।

आज दिनांक 31 जुलाई 2025 को संघ के प्रांताध्यक्ष श्री कृष्णकुमार लहरे के नेतृत्व में प्रांतीय पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग श्री अविनाश चंपावत महोदय से लगभग 1.30 घंटे की विस्तृत चर्चा की गई।

चर्चा के दौरान संघ द्वारा सभी 17 मांगों की वस्तुनिष्ठ स्थिति सचिव महोदय के समक्ष प्रस्तुत की गई। सचिव महोदय द्वारा यह जानना चाहा गया कि प्राथमिकता के आधार पर कौन-सी मांगें सर्वप्रथम पूरी की जानी चाहिए। इस पर संघ ने यह स्पष्ट किया कि सभी मांगे अत्यंत आवश्यक हैं, परंतु निम्नलिखित मांगें शीर्ष प्राथमिकता पर रखी गईं:
शीर्ष प्राथमिकता की मांगें

1. सेटअप की व्यवस्था – प्रत्येक तहसील में कम से कम दो कुशल ऑपरेटर, कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर तथा इंटरनेट भत्ते की व्यवस्था।

2. शासकीय वाहन की उपलब्धता – तहसीलों हेतु पृथक वाहन, ईंधन एवं चालक की स्थायी व्यवस्था।

3. 50:50 पदोन्नति व्यवस्था – डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति हेतु 50:50 अनुपात को पुनः लागू किया जाए।


4. नायब तहसीलदार को राजपत्रित दर्जा।


5. ग्रेड-पे में सुधार – नायब तहसीलदार हेतु ₹4400 एवं तहसीलदार हेतु ₹4800 ग्रेड-पे निर्धारित की जाए।


6. सुरक्षा व्यवस्था – न्यायिक कार्यों में संरक्षण संबंधी पूर्व आदेशों का पूर्ण क्रियान्वयन।


7. SLR/ASLR को राजस्व प्रभार से मुक्त रखने के आदेश का पालन।


8. अनुचित कार्यवाही / निलंबन / FIR पर रोक – न्यायाधीश (संरक्षण) अधिनियम, 1985 के प्रावधानों का सख्ती से पालन हो।

हालाँकि इन सभी विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई, परंतु सचिव महोदय द्वारा इन मांगों पर केवल पत्राचार, डाटा संकलन एवं शासन स्तर पर विचार-विमर्श की बात कही गई।

इस प्रकार, कोई स्पष्ट आश्वासन या ठोस निर्णय प्राप्त नहीं होने के कारण यह वार्ता असफल रही।
संघ द्वारा यह घोषित किया जाता है कि जब तक शासन द्वारा मांगों पर गंभीर, निर्णायक और सकारात्मक पहल नहीं की जाती, तब तक यह अनिश्चितकालीन हड़ताल यथावत जारी रहेगी। संघ का संकल्प:
“हम कार्य के लिए सदैव तत्पर हैं, किंतु सम्मान, सुविधा और सुरक्षा के साथ।

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