सरपंचो ने उठाया बिगुल – एनटीपीसी के खिलाफ आठ गाँवों का संघर्ष, स्थापना दिवस बनेगा विरोध दिवस ? Khabar 36 Garh is news bilaspur chhattisgarh



एनटीपीसी सीपत के खिलाफ उबाल, सरपंच ने अधिकारियों के सामने तख्ती लेकर जताया सांकेतिक विरोध, 7 नवंबर को अंधेरे में जलेंगी मोमबत्तियाँ

विकास के वादों से तंग ग्रामीण अब असहयोग की राह , विजिलेंस कार्यक्रम में ही ग्रामीणों ने दिखाई चेतावनी की तख्तियाँ
         Mohammad Nazir Hossain chief editor bilaspur chhattisgarh 
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ बिलासपुर । एनटीपीसी सीपत प्रबंधन के खिलाफ प्रभावित आठ ग्रामों के सरपंचों और जनप्रतिनिधियों का आक्रोश अब सडक़ों पर दिखने लगा है। रविवार को ग्राम जांजी के पंचायत भवन में हुई बैठक में सभी आठ प्रभावित ग्रामों — सीपत, जांजी, कौडिय़ां, गतौरा, राख, कर्रा, देवरी और रलियां — के जनप्रतिनिधियों ने एकजुट होकर एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की घोषणा की।
इसी कड़ी में सोमवार को सीपत सरपंच प्रतिनिधि योगेश वंशकार ने ग्रामीणों के साथ सीपत महाविद्यालय परिसर में आयोजित सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान एनटीपीसी सीपत के विजिलेंस अधिकारियों कुंदन राठौर, चंद्रकांत प्रमाणिक और प्रबंधन की रश्मि सिंह क्षत्री के समक्ष बैनर और तख्ती लेकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। सरपंच प्रतिनिधि योगेश वंशकार ने कहा हम क्षेत्र के विकास को लेकर एनटीपीसी सीपत प्रबंधन के अडिय़ल रवैए से बेहद नाराज़ हैं। प्रभावित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि होने के बावजूद हमारी कोई सुनवाई नहीं होती। कंपनी के आने के 25 साल बीत गए, लेकिन विकास के नाम पर हमें कुछ नहीं मिला। न चारागाह, न गौठान, न सडक़ें और न ही युवाओं के लिए रोजगार। उन्होंने बताया कि 7 नवंबर 2025, जो कि एनटीपीसी का स्थापना दिवस है, उसी दिन शाम 7 बजे से 7 बजकर 15 मिनट तक सभी आठ प्रभावित गाँवों में बिजली बंद रखकर मोमबत्ती जलाकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब सभी प्रभावित गाँव एकजुट होकर असहयोग आंदोलन की राह पर चलेंगे।

सांकेतिक विरोध में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल
सांकेतिक विरोध प्रदर्शन में योगेश वंशकार, संदीप खरे, प्रेम खरे, वीरेन्द्र सूर्या, गौतम खरे, सतीश खरे, छोटू खरे, मोंटू खरे, नील खरे, सोनू कौशिक, मिथिलेश श्रीवास, हिमांशु डोंगरे, अनिश दवे सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
प्रभावित आठ ग्रामों की प्रमुख मांगे:
1. नवंबर माह तक सभी स्वीकृत विकास कार्यों के टेंडर जारी किए जाएं।
2. बेरोजगारों के दस्तावेज सौंपे जा चुके हैं, 15 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।
3. दलदल प्रभावित किसानों को प्रतिवर्ष जनवरी तक मुआवजा राशि दी जाए।
4. ग्राम जांजी में पंचायत की अनुमति बिना बनाए जा रहे लेबर रूम का निर्माण तुरंत रोका जाए।
5. उड़ते राखड़ से लोगों को मिल रही परेशानी का 15 दिनों में स्थायी समाधान किया जाए।
6. भूस्थापितों की 288 लंबित भर्तियों पर तत्काल निर्णय लिया जाए।
15 दिन की मोहलत — नहीं सुनी गई आवाज तो होगा बड़ा आंदोलन
प्रभावित ग्रामों के जनप्रतिनिधियों ने एनटीपीसी प्रबंधन को 15 दिनों की अंतिम मोहलत दी है। यदि इस अवधि में उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आगामी माह में ‘काला रिबन’ लगाकर एनटीपीसी गेट के सामने विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

 
				 
					 
					 
					
 
					 
					 
					 
						