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एनटीपीसी सीपत ने की अनूठी पहल, महिला अधिकारियों की अगुवाई में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ प्रतिनिधि यूनियन चुनाव ? Khabar 36 Garh is News bilaspur


        Mohammad Nazir Hossain chief editor bilaspur
ख़बर 36 गढ़ न्यूज़ बिलासपुर: एनटीपीसी सीपत में 15 नवंबर 2025 को एनबीसी प्रतिनिधि यूनियन चुनाव शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ। मतदान में कुल 399 कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और व्यापक स्तर पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
चुनाव में सीपत ताप विद्युत मजदूर संघ (बीएमएस), राष्ट्रीय विद्युत कर्मचारी संघ (इंटक) और प्रगतिशील ताप विद्युत कर्मचारी संघ (सीटू) – इन तीनों संगठनों ने प्रतिस्पर्धा की और पूरी प्रक्रिया को सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने में सहयोग प्रदान किया। मतगणना के परिणामस्वरूप बीएमएस ने 179 वोट प्राप्त कर 19 वोटों के अंतर से विजय प्राप्त की, वहीं इंटक 160 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहा, जबकि सीटू के पक्ष में 60 लोगों ने मतदान किया।
इस वर्ष एनटीपीसी सीपत ने एक सराहनीय पहल करते हुए संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया का नेतृत्व महिला अधिकारियों को सौंपा। प्रिसाइडिंग ऑफिसर के रूप में श्रीमती श्वेता (उप महाप्रबंधक-मानव संसाधन) ने चुनाव का सफल संचालन किया, जबकि श्रीमती अलका उपाध्याय (उप महाप्रबंधक–इंजीनियरिंग) इंटर्नल ऑब्जर्वर के रूप में उपस्थित रहीं।
पोलिंग ऑफिसर्स की टीम में श्रीमती सत्या (सीनियर मैनेजर–एचआर), श्रीमती ज्योत्सना कुशवाहा (डिप्टी मैनेजर–लॉ), श्रीमती रेखा कुमारी त्रिपाठी (सीनियर असिस्टेंट ऑफिसर–सीएसआर) एवं श्रीमती रितिका (असिस्टेंट केमिस्ट) ने अपनी जिम्मेदारियों का सुचारु रूप से निर्वहन किया।
उल्लेखनीय है कि यह चुनाव मुख्य चुनाव अधिकारी के तौर पर श्रीमती प्रेमलता मुख्य महाप्रबंधक एवं क्षेत्रीय मानव संसाधन प्रमुख (पश्चिम क्षेत्र-2), चुनाव अधिकारी श्री जयप्रकाश सत्यकाम, अपर महाप्रबंधक, एनटीपीसी सीपत एवं श्री बिलास मोहंती, अपर महाप्रबंधक, पश्चिम क्षेत्र-2 की निगरानी में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

चुनाव प्रक्रिया श्री विशाल आमटे, क्षेत्रीय श्रमायुक्त (केंद्रीय) बिलासपुर, की उपस्थिति में आयोजित की गई तथा सुरक्षा व व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सीआईएसएफ और स्थानीय पुलिस का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रियाओं के साथ सम्पन्न यह चुनाव एनटीपीसी सीपत में महिला नेतृत्व, प्रशासनिक दक्षता और संस्थागत लोकशाही को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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