राजा महाराणा प्रताप वीरता वचन की एक अद्भुत मिसाल व दुनिया के सर्वश्रेष्ठ योद्धा रहे

ByMohammad Nazir Husain chif editor khabar 36 ghar news in

राजपूत क्षत्रिय समाज जाँजी के युवाओं ने मनाई महाराणा प्रताप जी की 483 वीं जयंती, राणा जी के सिद्धांतों और आदर्शों पर चलने का लिए प्राण…..?
बिलासपुर जांजी न्यूज़: सीपत क्षेत्र के ग्राम जाँजी में क्षत्रिय कुल गौरव वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी के 483 वीं जयंती को राजपूत क्षत्रिय समाज के युवाओं ने शौर्य दिवस के रूप में मनाया। जाँजी स्थित सामुदायिक भवन में महाराणा प्रताप जी के छायाचित्र पर पुजा अर्चना एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की और साथ ही उन्हें याद करते हुए उनके आदर्शो पर चलने का प्रण लिया। इस अवसर पर बिलासपुर जोन मीडिया सह प्रमुख प्रांशु क्षत्रिय, बिलासपुर उप समिति युवा अध्यक्ष शक्ति सिंह एवं कार्यकारिणी सदस्य भूपेंद्र राजपूत ने संयुक्त रूप से कहा कि मेवाड़ के 13 वें राजा महाराणा प्रताप का जन्म 1540 ईस्वी में जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था। महाराणा प्रताप नाम वीरता और वचन की एक अद्भुत मिसाल है। महाराणा प्रताप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ योद्धा थे, उन्होंने अपने विचार में कठिन संघर्ष करके भारतवासियों को मुगल के जुल्मों से मुक्ति दिलवाने का काम किया, ऐसे महापुरुषों के त्याग और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वही समाज के युवा अशोच्यानंद राजपूत, कृष्णा क्षत्रिय व मनोज सिंह ने संयुक्त रूप से महाराणा प्रताप के जीवन सिद्धांतों पर चलने का आह्वान किया। महाराणा प्रताप हमारे राष्ट्र के सच्चे सपूत, राष्ट्रभक्त तथा महान योद्धा थे। इस दौरान पुष्पराज क्षत्रिय, भूपेंद्र राजपूत, अशोच्यानंद राजपूत, कृष्णा क्षत्रिय, मनोज क्षत्रिय, विक्की राजपूत, प्रांशु क्षत्रिय, शक्ति क्षत्रिय, मनोज राजपूत, प्रदीप क्षत्रिय, चंद्रप्रकाश क्षत्रिय, सुनील ठाकुर, जशवंत राजपूत, मनोहर राजपूत, मयंक ठाकुर, पीयूष क्षत्रिय, यश क्षत्रिय, विकास यादव, मुंचू यादव, निखिल यादव, ओमी यादव सहित युवाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।
देश की मजबूती के लिए काम करें पुष्पराज क्षत्रिय:-
युवा सदस्य पुष्पराज क्षत्रिय ने कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन और शिक्षा पर चलते हुए हमें देश की मजबूती के लिए काम करना होगा राष्ट्र के स्वाभिमान के लिए जी जान से काम करें। महाराणा प्रताप ने जो कुर्बानी दी, उनकी इतिहास में कहीं मिसाल नहीं मिलती। देश में ऐसे संस्कार का वातावरण तैयार किया जाए, जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिले।
