सीपत

सरकारी स्कूल के बच्चे स्टाइलिश पेन और डिजिटल बोर्ड से करते है पढ़ाई

मोहम्मद नज़ीर हुसैन

सरकारी स्कूल के बच्चे स्टाइलिश पेन और डिजिटल बोर्ड से करते है पढ़ाई

ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को टेक्नोलॉजी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है:- शिक्षक महंत

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सीपत(मोहम्मद नज़ीर हुसैन) – वो कहते है, न जहां चाह वही राह जी इस बात को सार्थक कर दिखाया है, बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड, संकुल खम्हरिया के शासकीय उन्नत प्राथमिक शाला धनुहारपारा कुकदा के शिक्षक चरण दास महंत शिक्षक के तौर पर ही बच्चों को पढ़ाते समय बच्चों के बीच ही जमीन पर बैठ जाते है, जिससे बच्चे उनसे अच्छी तरह से घुल मिल जाते हैं, ताकि बच्चे उन्हें विद्यालय में ही घर जैसा माहौल मिल सके इसी का परिणाम है, कि जो बच्चे स्कूल से पढ़ाई कर निकल गए, वे भी समय निकाल कर अपने पूर्व स्कूल में आते है और बैठ कर आनन्द पूर्वक शिक्षक महंत के कक्षा में बैठ कर पढ़ते है पालक भी बच्चों को ढूंढने हुए स्कूल ही आते है,उनको लगता है उनका बच्चा जरूर ही स्कूल में मिलेगा और बच्चों को पूर्व स्कूल में बैठ कर पढ़ते देख उनको खुशी मिलती है छोटे बच्चों को शिक्षा को रुचिकर और सरल बनाने के लिए शिक्षक चरण दास महंत और शिक्षिका चंद्रिका मिरी द्वारा बच्चों की रुचियों का ध्यान रखा जाता है उनके रुचि अनुरूप ही शिक्षा दी जाती है, और बच्चे खेल खेल में पढ़ाई पूरी कर लेते है । जब बच्चों को डिजिटल स्क्रीन पर पढ़ाई कराई जाती है तो बच्चे पहले से उत्सुक होते हैं, कि पहले जाकर सवाल का जवाब मैं दूँगा बच्चे को बिना सिखाएं ही बच्चे शिक्षक को देखकर क्लास 1 के बच्चे आसानी से डिजिटल टच बोर्ड पर स्टाइलिश पेन से लिखना सीख गए है । अब गांव के स्कूल के बच्चे भी डिजिटल होते जा रहे है जब शिक्षक द्वारा वीडियोस दिखाकर स्क्रीन पर गतिविधि कराई जाती है, तो बच्चे जवाब देने को पहले से ही तैयार रहते हैं, शिक्षक को बोलना पड़ता है कि सभी को मौका दिया जाएगा। शिक्षक से बच्चे इतने घुल मिल गए है, कि उनसे मित्रवत व्यवहार करते है स्कूल के पढ़ाई को देखकर प्राइवेट स्कूल से अपने बच्चों को निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिला करा रहे है शिक्षक की आगे की प्लानिंग है, कि सभी बच्चों को कक्षा 1 से ही कंप्यूटर की शिक्षा उपलब्ध कराई जाएं, क्योंकि आने वाला समय टेक्नोलॉजी का ही है ऐसे में टेक्नोलॉजी का ज्ञान बहुत जरूरी है इसके लिए तैयारी शुरू कर दिया गया है इस कार्य में प्रधानपाठक बसंत जायसवाल और शिक्षिका चंद्रिका मिरी पूरा सहयोग करते है

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